तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।
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तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
देवनः यदा यदा गच्छति स्म तदा तदा आहूतवान्।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान check here ।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
शिवाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टक का पाठ करने से आपको जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए साहस प्रदान करता है। यह स्तोत्र विश्व के सभी लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय है जो “प्रभुं प्राणनाथंम् विभुं विश्वनाथंम्” से शुरू होता है।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।